आज मैंने एक नया रहस्य सीखा , वो रहस्य जो मुझे पहले से पता था फिर भी में उसके बारे में अनजान था।
......जीवन में आकर्षण का नियम .....
................हमारे मन में जैसे विचार आते है , वे ब्रह्माण्ड में वैसी ही तरंगे उत्पन्न करते है और हमारे साथ वैसा -वैसा घटित होता है जैसा हमने सोचा था । उदहारण के लिए मान लेते है की आपको किसी आदमी का आपके प्रति व्यवहार आपको अच्छा नहीं लगता
और आप मन में ये सोचते है कि मुझे ऐसा व्यवहार बिलकुल भी पसंद नहीं , उसे मेरे साथ ऐसा नहीं करना चाहिए .....
........अगर आप ने ये कहा की "उसे मेरे साथ ऐसा नहीं करना चाहिए " तो ब्रहमांड में आपके विचार इस रूप में
जायेंगे ...."उसे मेरे साथ ऐसा करना चाहिए ..."
और निश्चित रूप से वो व्यक्ति आप के साथ ऐसा व्यवहार करेगा जो आप नहीं चाहते ....
..अपने दीमाग में सोच हमेशा सकारात्मक रखनी चाहिए ........
...बात हमेशां उन चीजों की करनी चाहिए जो हमें पसंद है न की उनकी जो हमें नापसंद है ,
अगर हम पसंद वाली चीजों का ही मनन करेंगे तो वो हम मिल ही जाएगी क्योंकि बर्ह्मंद की तरंगे वो बात उस
चीज की तरंगों तक पहुंचा देगी वो चीज हमारी तरफ आकर्षित हो जाएगी .......
.......यही आकर्षण का नियम है की जो चीज हमें पसंद है वो हमारी तरफ सहज ही आकर्षित हो जाती है ।
..अतः आकर्षण के नियम का उपयोग अपने पक्ष में करने के लिए हमेशां अपने पर्यावरण में सकारात्मक
विचारों का संचार रखना चाहिए ताकि हमें वो ही मिले जिसकी हमें जरूरत है।......
सधन्यवाद
सपने
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